Gold Rate: आपके निवेश में कितना होना चाहिए Gold? धनतेरस से पहले टूटा रिकॉर्ड… ये तीन कारण!

परिचय – धनतेरस से पहले Gold Rate का जादू

भारत में सोना सिर्फ़ एक धातु नहीं, बल्कि भावनाओं और परंपरा का प्रतीक है। हर साल धनतेरस और दिवाली से पहले गोल्ड की खरीदारी शुभ मानी जाती है। यही वजह है कि अक्टूबर-नवंबर में गोल्ड की मांग बढ़ने लगती है।

2025 में भी कहानी कुछ ऐसी ही है — इस साल Gold Rate ने नया रिकॉर्ड तोड़ दिया है। निवेशकों से लेकर ज्वेलर्स तक सबकी नज़र सोने की चमक पर है। लेकिन सवाल यह है — क्या अभी सोना खरीदना सही रहेगा? और आपके पोर्टफोलियो में गोल्ड कितना होना चाहिए?


इस साल गोल्ड ने कैसे तोड़ा रिकॉर्ड?

पिछले एक साल में सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया है।
जहाँ 2024 में सोने की कीमत ₹61,000 प्रति 10 ग्राम के आसपास थी, वहीं अक्टूबर 2025 तक यह ₹69,500 से ₹70,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुँच चुकी है।

यह बढ़त सिर्फ़ घरेलू नहीं है — अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोना 2,500 डॉलर प्रति औंस के पार पहुँच गया है, जो अब तक का सर्वाधिक स्तर है।


देशभर में मौजूदा सोने की कीमतें (13 अक्टूबर 2025 तक)

शहर22 कैरेट गोल्ड (₹/10 ग्राम)24 कैरेट गोल्ड (₹/10 ग्राम)
दिल्ली₹63,900₹69,800
मुंबई₹63,750₹69,650
चेन्नई₹64,200₹70,200
कोलकाता₹63,850₹69,700
अहमदाबाद₹63,950₹69,750

(स्रोत: इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन)


गोल्ड की कीमत बढ़ने के 3 प्रमुख कारण

1️⃣ ग्लोबल इकॉनमी में अस्थिरता

अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव, डॉलर इंडेक्स की कमजोरी और ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव ने निवेशकों को Gold जैसे सुरक्षित एसेट की ओर मोड़ा है।
जब भी अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता बढ़ती है, निवेशक सोने को “Safe Haven” मानते हैं, जिससे मांग बढ़ जाती है।

2️⃣ भारतीय मांग और त्योहारों का सीजन

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड कंज़्यूमर है। धनतेरस, दिवाली और शादी सीजन के चलते मांग में तेज़ी आती है। ज्वेलरी शॉप्स पर भीड़ बढ़ने से घरेलू बाजार में गोल्ड प्राइस में उछाल आ जाता है।

3️⃣ निवेशकों की सुरक्षित पनाहगाह की तलाश

शेयर बाज़ार में अस्थिरता, क्रिप्टो मार्केट में गिरावट और ब्याज दरों में बदलाव ने निवेशकों को Gold की ओर आकर्षित किया है। गोल्ड को पोर्टफोलियो स्थिरता के लिए आदर्श माना जाता है।


निवेश के लिहाज़ से Gold कितना ज़रूरी है?

Gold केवल आभूषण के रूप में नहीं, बल्कि एक मजबूत निवेश साधन भी है। वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार,

“आपके पोर्टफोलियो में 10% से 15% तक गोल्ड होना चाहिए।”

यह आपकी संपत्ति को बाज़ार की अस्थिरता से बचाता है और लंबे समय में अच्छे रिटर्न देता है।

फिजिकल बनाम डिजिटल गोल्ड – कौन बेहतर?

विकल्पफायदेकमियाँ
फिजिकल गोल्डपारंपरिक, तुरंत उपयोगीस्टोरेज और सिक्योरिटी की समस्या
गोल्ड ETFआसान ट्रेडिंग, टैक्स लाभमार्केट जोखिम
Sovereign Gold Bond (SGB)ब्याज के साथ रिटर्नलॉक-इन अवधि

2025 में Gold निवेश का भविष्य क्या कहता है?

विश्लेषकों का मानना है कि 2025 के अंत तक सोने की कीमत ₹72,000 प्रति 10 ग्राम तक जा सकती है।
इसका कारण है –

  • अमेरिका में संभावित ब्याज दर में कटौती
  • डॉलर की कमजोरी
  • भारतीय त्योहारों और शादियों की मांग

इसलिए, लंबी अवधि के निवेशक अभी भी धीरे-धीरे Gold में SIP की तरह निवेश कर सकते हैं।


निवेश से पहले ध्यान देने योग्य बातें

  1. हमेशा BIS Hallmark वाला गोल्ड ही खरीदें।
  2. डिजिटल गोल्ड या ETF में निवेश करते समय केवल मान्यता प्राप्त प्लेटफॉर्म चुनें।
  3. सोने में निवेश करते समय अपनी कुल संपत्ति का 10-15% से ज़्यादा न लगाएँ।
  4. सोने की कीमत में अल्पकालिक उतार-चढ़ाव से घबराएँ नहीं।

FAQs – गोल्ड रेट और निवेश से जुड़े सामान्य प्रश्न

1️⃣ क्या अभी सोना खरीदना सही रहेगा?
हाँ, दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह अच्छा समय है क्योंकि ग्लोबल अस्थिरता के चलते कीमतें और बढ़ सकती हैं।

2️⃣ क्या धनतेरस पर गोल्ड के दाम और बढ़ेंगे?
हाँ, मांग बढ़ने से हल्की बढ़ोतरी संभव है।

3️⃣ गोल्ड में निवेश का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
Sovereign Gold Bonds और ETFs सबसे सुरक्षित और टैक्स-फ्रेंडली विकल्प हैं।

4️⃣ क्या गोल्ड से बेहतर कोई सुरक्षित निवेश है?
रियल एस्टेट और बॉन्ड्स भी सुरक्षित हैं, लेकिन गोल्ड सबसे ज़्यादा लिक्विड है।

5️⃣ क्या 2025 में सोने की कीमत ₹75,000 तक जा सकती है?
संभावना है अगर डॉलर कमजोर होता रहा और ब्याज दरें घटती हैं।

6️⃣ गोल्ड खरीदते समय कौन सी चीज़ ज़रूर देखें?
BIS hallmark, कैरट पवित्रता (22K या 24K), और मेकिंग चार्ज।


निष्कर्ष – धनतेरस से पहले समझदारी से करें निवेश

2025 में Gold Rate ने नया रिकॉर्ड बनाया है, लेकिन निवेशकों के लिए यह अवसर भी है।
अगर आप दीर्घकालिक दृष्टिकोण रखते हैं, तो Gold आपकी वित्तीय सुरक्षा का मजबूत स्तंभ बन सकता है।
बस ध्यान रखें — निवेश में संतुलन और धैर्य ही असली कुंजी है।


🔗 संदर्भ लिंक: India Bullion & Jewellers Association (IBJA)

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