Shibu Soren Death News: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन, दिल्ली के अस्पताल में ली आखिरी सांस

🧭 शिबू सोरेन कौन थे?

शिबू सोरेन, जिन्हें ‘डिशोम गुरुजी’ के नाम से जाना जाता था, झारखंड की राजनीति में एक आदिवासी आवाज़ के रूप में उभरे। उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की स्थापना की और झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री बने। वे आदिवासी अधिकारों और सामाजिक न्याय के सबसे प्रबल समर्थक रहे।


💔 निधन की खबर और आधिकारिक पुष्टि

4 अगस्त 2025 की सुबह 8:56 बजे, दिल्ली के Sir Ganga Ram Hospital में उनका निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे और लंबे समय से किडनी संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे। उनके निधन की पुष्टि बेटे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की।


🏥 अस्पताल में भर्ती और चिकित्सा स्थिति

शिबू सोरेन को 19 जून को दिल्ली के Ganga Ram अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वरिष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. ए.के. भल्ला की निगरानी में उनका इलाज चल रहा था। उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली (life support) पर रखा गया था और उनकी हालत लगातार गंभीर बनी हुई थी।


🛤️ राजनीतिक जीवन की शुरुआत

1970 के दशक में उन्होंने आदिवासी जागरूकता के अभियान से राजनीति में कदम रखा। Binod Bihari Mahto और A.K. Roy के साथ मिलकर उन्होंने 1973 में JMM की नींव रखी। यह पार्टी झारखंड राज्य के गठन और आदिवासी हकों की लड़ाई के लिए समर्पित थी।


🎯 झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना और उद्देश्य

JMM की स्थापना आदिवासियों के भूमि अधिकार, शिक्षा, और राजनीतिक प्रतिनिधित्व को सुरक्षित करने के लिए की गई थी। यह आंदोलन धीरे-धीरे इतना मजबूत हुआ कि 2000 में झारखंड को बिहार से अलग कर एक नया राज्य बनाया गया।


👨‍⚖️ मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल

शिबू सोरेन झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री रहे:

  • 2005 (छोटा कार्यकाल)
  • 2008
  • 2010

हालांकि, कोई भी कार्यकाल पूरा नहीं कर सके, फिर भी उन्होंने प्रशासन और सामाजिक न्याय में महत्वपूर्ण पहल की।


🏛️ लोकसभा और राज्यसभा में योगदान

  • आठ बार लोकसभा सांसद बने।
  • दो बार राज्यसभा सदस्य रहे।
  • उन्होंने संसद में भूमि अधिकार, आदिवासी कल्याण और शिक्षा के मुद्दे लगातार उठाए।

आदिवासी अधिकारों के लिए संघर्ष

उन्होंने कई आंदोलनों का नेतृत्व किया, जैसे कि भूमि अधिग्रहण के खिलाफ प्रदर्शन, वन अधिकारों की बहाली, और संविधान की अनुसूची V और VI के क्रियान्वयन की मांग। इससे वह आदिवासी समाज के नायक बन गए।


🌿 Dishom Guruji की उपाधि का महत्व

“Dishom Guruji” का अर्थ है “जनता के शिक्षक”। यह उपाधि आदिवासी समुदायों ने उन्हें सम्मानपूर्वक दी थी, उनके त्याग, संघर्ष और मार्गदर्शन को मान्यता देने हेतु।


👨‍👩‍👦 शिबू सोरेन का व्यक्तिगत जीवन

उनका जन्म 11 जनवरी 1944 को झारखंड के बोकारो जिले के नेमरा गांव में हुआ था। उनके चार बेटे और एक बेटी हैं। बेटे हेमंत सोरेन वर्तमान में झारखंड के मुख्यमंत्री हैं।


💬 बेटा हेमंत सोरेन की प्रतिक्रिया

हेमंत सोरेन ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:

“Dishom Guruji अब हमारे बीच नहीं रहे… आज मैं शून्य हो गया हूँ।”

इस भावुक संदेश ने पूरे राज्य को शोक में डाल दिया।


🕊️ राष्ट्रीय नेताओं की श्रद्धांजलि

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अस्पताल पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
  • लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव सहित कई नेताओं ने दुख व्यक्त किया।
  • कांग्रेस और भाजपा दोनों ने उन्हें “एक सच्चे जननायक” के रूप में याद किया।

😢 जनता की भावनात्मक प्रतिक्रिया

  • झारखंड में हजारों लोग सड़कों पर उतरे।
  • रांची, धनबाद, और बोकारो में शोक सभाएँ आयोजित की गईं।
  • कई स्थानों पर कैंडल मार्च और श्रद्धांजलि सभा हुईं।

📿 शोक कार्यक्रम और अंतिम संस्कार

राजकीय सम्मान के साथ उनके पार्थिव शरीर को रांची लाया गया। 5 अगस्त को अंतिम संस्कार का कार्यक्रम तय हुआ है। झारखंड सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।


🕰️ उनकी विरासत और प्रभाव

  • झारखंड के निर्माता के रूप में याद किए जाएंगे।
  • आदिवासी पहचान, सामाजिक न्याय और स्वाभिमान की प्रतीक थे।
  • उनके मार्गदर्शन में JMM एक मजबूत राजनीतिक दल बना।

🔮 भविष्य की राजनीति पर प्रभाव

उनकी मृत्यु के बाद झारखंड की राजनीति में एक खालीपन उत्पन्न हुआ है। JMM को अब नए नेतृत्व में खुद को फिर से स्थापित करना होगा, और हेमंत सोरेन के लिए यह एक बड़ी चुनौती होगी।


FAQs

Q1. शिबू सोरेन का निधन कब हुआ?

उत्तर: 4 अगस्त 2025 को सुबह 8:56 बजे दिल्ली के Sir Ganga Ram Hospital में हुआ।

Q2. उनके निधन का कारण क्या था?

उत्तर: वे किडनी की बीमारी से पीड़ित थे और कई सप्ताह से life support पर थे।

Q3. ‘डिशोम गुरुजी’ उपाधि क्यों मिली?

उत्तर: आदिवासी समाज को संगठित करने और उनके अधिकारों के लिए लड़ने पर यह उपाधि दी गई।

Q4. अंतिम संस्कार कहां होगा?

उत्तर: रांची में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा।

Q5. उनके प्रमुख राजनीतिक पद कौन-कौन से थे?

उत्तर: तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री, आठ बार लोकसभा सांसद, दो बार राज्यसभा सदस्य।

Q6. उनका राजनीतिक उत्तराधिकारी कौन है?

उत्तर: उनका पुत्र हेमंत सोरेन, जो वर्तमान में झारखंड के मुख्यमंत्री हैं।


🧠 निष्कर्ष: एक युग का अंत

शिबू सोरेन का जाना केवल एक नेता की मृत्यु नहीं, बल्कि एक आंदोलन, एक विचारधारा, और एक जननायक का अंत है। उन्होंने जो आवाज उठाई, जो संघर्ष किया, वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। Dishom Guruji अब इतिहास का हिस्सा बन चुके हैं, लेकिन उनका आदर्श हमारे दिलों में सदा जीवित रहेगा।

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